जीत जाएंगे हम


जीत जाएंगे हम

 एक दिन हम बैठे बैठे चर्चा कर रहें होंगे कि एक बार ऐसा वक्त आया था जब दुनिया थम गई थी। हमारी आने वाली पीढ़ी पूछेंगी कि ऐसा क्यों हुआ था, हम याद करते उन्हें बतलाएंगे कि तब इंसान कुछ ज्यादा ही तेज दौड़ने लगा था।
हम याद करते हुए उन्हें बताएंगे कि स्कूल कालेज बंद हो गये थे, दफ्तर दुकानें शटर गिरा चुके थें। हवाई जहाज उड़ना भूल खड़ी थी, रेलगाड़ियों की रफ्तार थम गई थी। शहरों की, देशों की सीमाएं सील कर दी गई थीं, विदेशों से लोग अपने अपनों के लिए सौगातें नहीं बल्कि संक्रमण ला रहे थें।
वो पूछेंगे कि ऐसा भला क्या हो गया था, हम उन्हें बताएंगे कि चायना से सस्ती समानों के साथ तब हमने चायना जनित बीमारी भी आयातित कर लिया था।
वो जो भविष्य में आने वालें हैं हैरान होंगे कि हम कैसे बच गए, हम उन्हें बताएंगे कि हमने कुछ न कर खुद को और दूसरों को बचाए रखा। सबने खुद को काट लिया दुनिया से ताकि दुनिया कायम रहे।
एक दिन आयेगा जब हम आने वाली संतानों से ये सब बताएंगे जो अभी हो रहा है और उन्हें बताने के लिए हम सब को जिंदा रहना होगा।
….तब तक खुद को समेट लो, घर का महत्व समझो और हर वो कार्य ही करो जो इस विषाणु को रोकने में सहायक हो। क्योंकि जिंदा बचोगे तभी न आने वाली पीढ़ी से मिलोगे।

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