Posts

Showing posts from March, 2017

होली हैप्पी वाली

Image
होली हैप्पी वाली “देखो मैं कहे देता हूँ, मुझे ये होली वोली बिलकुल पसंद नहीं है. ये भी कोई त्यौहार है भला चेहरे को रंगवा कर गंदगी पुतवा कर खुश हुआ जाये....”, हर साल ये कहते रहतें. ये कहतें रहतें और मैं उनको रंगती रहती. जितना चिढ़ते उतना आनंद आता उन्हें रंग लगाने. होली के बहुत पहले से मेरी तैयारियां शुरू हो जाती. घर में सबके लिए नए कपडे खरीदना, उन्हें सिलवाने देना. क्या नया बनाना है-पकाना है. महरी धोबी बिल्डिंग के गार्ड सबके लिए त्यौहार के गिफ्ट लेना इत्यादि. दफ्त्तर में पहले ही सूचित कर देना कि होली के दो दिनों पहले से मेरी छुट्टी. होलिका दहन के भी पहले घर में मेरी होली शुरू हो जाती. पतिदेव सुबह उठते और और उनके रंगीन मुखड़े को देख घर के सभी लोग ठहाके लगाते. भुनभुनाते हुए वे वाश बेसिन पर जा चेहरा धोने का उपक्रम करने लगते और होली को उनके द्वारा कोसना जारी रहता…. “कोई भला व्यक्ति ऐसे कहीं करता है? अब और कुछ नहीं तो स्केच पेन से मेरा चेहरा तुमने रंग दिया”, ये कुढ़ते हुए कहते. इस तरह से इनका कुडकुडाना मुझे होली में दिवाली की फुलझड़ियों के छूटने का आभास दे देता और मैं रसोई घर से पुआ बनाना छोड़