ये लड़ाई है दिए की और तूफान की 23 03 2020
ये लड़ाई है दिए की और तूफान की
एक छोटे से विषाणु ने मनुष्य को उसकी औकात बता दी है। वह
मनुष्य जो पूरी धरती को अपनी मिल्कियत मान बाँट रखा था महाद्वीपों, देशों, राज्यों - शहरों
में और तो और गोरों और कालों में, हिंदू और
मुसलमानों में, सिक्खों व ईसाइयों में। इस वायरस ने जता दिया कि सब बस एक इंसान ही
हैं और जिनकी ब्रह्माण्ड में हैसियत तुच्छ है।
आज कोरोना वायरस के चपेटे में सब हैं।
देशों की सीमाएँ विलीन हो गईं हैं।
कहाँ से और कैसे शुरु हुआ इस पर चर्चा ही नहीं हो रही, बस
कैसे आक्रमणकारी विषाणु संक्रमण की सेना को रोकी जाए यही फिक्र है।
रंग भेद, धार्मिक विभेद के प्रति निष्पक्ष वायरस सीमाओं को
नकारते हुए विस्तारित होते जा रहा है।
आइए हम सब इंसान मिल कर इस से लोहा लें।
Comments
Post a Comment